Vision & Mission
पी एम श्री राजकीय इंटर कॉलेज कोन सोनभद्र का दृष्टिकोण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF) 2023 के अनुरूप, एक समावेशी, लचीला और समग्र शिक्षा प्रणाली बनाने पर आधारित होगा, जो छात्रों को 21वीं सदी के लिए सशक्त बनाए। इसका इसका उद्देश्य है–
1. समग्र विकास
- शैक्षिक उत्कृष्टता: एक बहुविषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, जो सभी विषयों को शामिल करता है, ताकि छात्र बौद्धिक और भावनात्मक बुद्धिमत्ता दोनों में विकास कर सकें। NEP 2020 के तहत, रटने की आदत को कम करने और क्षमता आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाएगा।
- जीवन कौशल और मानसिक कल्याण: छात्रों में आलोचनात्मक सोच, समस्या सुलझाने, संवाद और सहयोग जैसे जीवन कौशल को विकसित करना और साथ ही सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा (SEL) को बढ़ावा देना, जो NCF 2023 का एक प्रमुख पहलू है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और माइंडफुलनेस अभ्यास को शामिल करना, ताकि छात्रों का समग्र कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
- 2. समानता और समावेशन
सभी के लिए समान अवसर: सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमियों से आने वाले छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना, जिसमें हाशिए पर पड़े और वंचित समूह (जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग) शामिल हैं।
- समावेशी पाठ्यक्रम: एक समावेशी शिक्षा वातावरण तैयार करना जो विविधता का सम्मान करता है, लिंग समानता को बढ़ावा देता है, और विकलांग छात्रों (CWSN) की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखता है।
- पहली पीढ़ी के छात्रों के लिए समर्थन: छात्रों को अतिरिक्त शैक्षिक समर्थन, मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करना, जो शैक्षिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं।
- 3. पाठ्यक्रम में लचीलापन और चयन
- विषय और कौशल चयन की लचीलापन: NEP 2020 के तहत, छात्रों को अपनी रुचियों और भविष्य की आकांक्षाओं के आधार पर विषय चुनने की स्वतंत्रता दी जाएगी। यह पारंपरिक धाराओं से आगे बढ़कर, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और सॉफ़्ट स्किल्स को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनुमति देता है।
- कौशल विकास: प्रारंभिक कक्षाओं से ही व्यावसायिक प्रशिक्षण, जीवन कौशल और डिजिटल साक्षरता को पाठ्यक्रम में शामिल करना, ताकि छात्रों को प्रायोगिक और नौकरी-उन्मुख कौशल मिल सके, जो NEP के व्यावसायिक शिक्षा के दृष्टिकोण से मेल खाता है।
- अनुभवात्मक शिक्षण परियोजना-आधारित और अनुभवात्मक शिक्षण विधियों को लागू करना, जहां छात्र सक्रिय रूप से वास्तविक समस्याओं और परिदृश्यों में भाग लें, ताकि उनकी रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा मिले।
- 4. डिजिटल साक्षरता और प्रौद्योगिकी का एकीकरण
प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों का शिक्षण और अध्ययन में उपयोग करना, ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना, और पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को शामिल करना। यह NEP 2020 के तहत शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- हाइब्रिड शिक्षण: एक मिश्रित (ब्लेंडेड) शिक्षण वातावरण तैयार करना, जहां छात्र शारीरिक और डिजिटल संसाधनों दोनों का उपयोग कर सकें, ताकि व्यक्तिगत और बेहतर संलग्ननशीलता सुनिश्चित हो।
5. शिक्षक पेशेवर विकास
- निरंतर प्रशिक्षण: शिक्षकों को अद्यतन पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों को लागू करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित करना, और नियमित पेशेवर विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें शिक्षाशास्त्र, प्रौद्योगिकी के उपयोग, और समकालीन शैक्षिक अभ्यासों की समझ प्रदान करना।
- नवोन्मेषी शिक्षाशास्त्र का समर्थन: शिक्षकों को अनुसंधान आधारित और सहयोगात्मक परियोजनाओं का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना, जो आलोचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा दें।
- 6. समुदाय की भागीदारी और सहयोग
- पारिवारिक सहभागिता: नियमित संवाद, कार्यशालाओं और अभिभावक-शिक्षक बैठकों के माध्यम से अभिभावकों को शैक्षिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना, ताकि छात्र के विकास के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
- समुदाय आधारित शिक्षा: स्थानीय उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी करना, ताकि छात्रों को व्यावसायिक अनुभव और इंटर्नशिप मिल सके, जो उनके करियर और कौशल विकास में मदद करें।
- सामाजिक जिम्मेदारी: पर्यावरणीय जागरूकता, सामुदायिक सेवा और नागरिकता को बढ़ावा देना, जो NEP के उद्देश्य के अनुसार जिम्मेदार और नैतिक नागरिकों का निर्माण करें।
7. मूल्यांकन और प्रतिक्रिया
- क्षमता आधारित मूल्यांकन: पारंपरिक रटने वाले मूल्यांकन से क्षमता आधारित मूल्यांकन की ओर रुख करना, जो छात्रों की समझ और ज्ञान और कौशल के उपयोग को प्राथमिकता देता है, जो NEP 2020 की व्यापक मूल्यांकन दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- निरंतर और रूपरेखा आधारित मूल्यांकन: नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाएगा, जो छात्रों के समग्र विकास को ट्रैक करेगा, ताकि गहरे समझ और ज्ञान के उपयोग को बढ़ावा मिले।
8. सतत प्रक्रियाएं:
- ग्रीन स्कूल्स: स्कूलों में पर्यावरणीय और इको-फ्रेंडली प्रथाओं को अपनाना, जैसे ऊर्जा दक्षता वाले भवन, कचरे का प्रबंधन और छात्रों के बीच पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देना।
- समुदाय और सांस्कृतिक एकीकरण: स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर और मूल्यों को पाठ्यक्रम में शामिल करना, जबकि वैश्विक नागरिकता की सराहना भी करना।
पी एम श्री राजकीय इंटर कॉलेज कोन सोनभद्र का दृष्टिकोण, NEP 2020 और NCF 2023 के अनुरूप, केवल शैक्षिक सफलता के लिए नहीं, बल्कि समग्र विकास के लिए भी होगा। यह दृष्टिकोण छात्रों में आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता, डिजिटल साक्षरता, भावनात्मक कल्याण और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करेगा, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार नागरिक बन सकें। यह समावेशन, समानता और अनुकूलनशीलता पर आधारित होगा, ताकि हर छात्र की क्षमता का सम्मान और संवर्धन हो सके।